Biography of Atal Bihari Bajpayee
पिता- कृष्ण बिहारी बाजपेयी
माता- कृष्णा देवी
जन्म- 25 दिसंबर 1924
मृत्यु- 16 अगस्त 2018
अटल बिहारी बाजपेयी जीवन परिचय
अटल बिहारी जी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी बाजपेयी तथा इनकी माता का नाम कृष्णा देवी था। इनके पिता कृष्ण बिहारी जी एक अध्यापक और कवि भी थे।
शिक्षा
अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में तथा डीएवी कॉलेज में हुई थी। अटल बिहारी बाजपेयी जी ने Political Science से स्नातकोत्तर किया। अटल बिहारी वाजपेयी 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ पार्टी के अध्यक्ष रहे।
अटल बिहारी बाजपेयी जी का Political जीवन
Atal bihari bajpayee जी ने पहला लोकसभा चुनाव 1955 में लडा परंतु इस चुनाव में वे असफल रहे उसके बाद 1957 में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा में कदम रखा अटल बिहारी बाजपेयी मोरारजी देसाई की सरकार में लगभग दो साल विदेश मंत्री भी रहे। इन्होंने सन् 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की।
अटल जी 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और दोबारा 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे।
अटल बिहारी बाजपेयी जी पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित थे। 1992 में उन्हें पद्म विभूषण का पुरस्कार मिला। तथा 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किए गए।
लंबी बीमारी के चलते 16 अगस्त 2018 को भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी जी का निधन दिल्ली एम्स में हो गया।
अटल जी एक श्रेष्ठ नेता होनें के साथ-साथ एक महान Poet भी थे।
अटल बिहारी बाजपेयी जी की एक कविता
बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं
पावों के नीचे अंगारे
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं
निज हाथों में हंसते-हंसते
आग लगाकर चलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
हास्य-रुदन में , तूफानों में ,
अगर असंख्यक बलिदानों में
उद्यानों में वीरानों में
अपमानों में सम्मानों में
उन्नत मस्तक उभरा सीना
पीडाओं में पलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
उजियारे में अंधकार में
कल कहार में बीच धार में
घोर घृणा में पूत प्यार में
क्षणिक जीत में दीर्घ हार में
जीवन के शत-शत आकर्षक
अरमानों को ढलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ
प्रगति चिरंतन कैसा इति अब
सुस्मित हर्षित श्रम श्लथ
असफल सफल समान मनोरथ
सब कुछ देकर कुछ न मांगते
पावस बनकर ढलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
कुछ कांटो से सज्जित जीवन
प्रखर प्यार से वंचित यौवन
नीरवता से मुखरित मधुबन
परहित अर्पित अपना तन-मन
जीवन को शत-शत आहुति में
जलना होगा गलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
-अटल बिहारी बाजपेयी
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