आज हम पत्र और उसके प्रकारों के बारे में एक लेख लिखने जारहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि पत्र क्या होता है ?पत्र कितने प्रकार के होते हैं तथा कौन से पत्र कहां लिखे जाते है। मैं यही आशा करता हूं कि इस लेख से कुछ लाभ मिलेगा ।
पत्र
पत्र ऐसा माध्यम होता है जिससे कोई व्यक्ति अपने विचारो , भावों तथा किसी जानकारी को किसी व्यक्ति विशेष के सामने लिखित रूप में प्रकट करता है।
पत्र कितने प्रकार के होते है ?
पत्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं -
1- औपचारिक पत्र
2- अनौपचारिक पत्र
औपचारिक पत्र
औपचारिक पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा निजी संबंध नही होता है। प्रधानाचार्य को लिखे गये पत्र , बैंको को लिखे गये पत्र तथा सरकारी विभागों के कर्मचारियों को लिखे गये पत्र औपचारिक पत्र के ही कुछ उदाहरण हैं। औपचारिक पत्रों में लिखी गई भाषा बहुत शिष्टता पूर्ण होनी चाहिए।
औपचारिक पत्र को तीन भागों वर्गीकृत किया गया है -
1- प्रार्थना पत्र
2- कार्यालयी पत्र
3- व्यवसायिक पत्र
प्रार्थना पत्र
आवेदन , सुधार , शिकायत तथा अवकाश के लिए लिखे गये पत्र प्रार्थना पत्र कहलाते है । इन पत्रों मे हम किसी कार्य के लिए निवेदन या प्रार्थना करते हैं।
कार्यालयी पत्र
किसी विभाग या किसी सरकारी कर्मचारी को लिखे गये पत्र कार्यालयी पत्र कहलाते है ।
व्यवसायिक पत्र
किसी व्यवसाय से संबंधित पत्र जो किसी दुकानदार , व्यापारी , संपादक या किसी कंपनी को लिखे जाते है वे पत्र व्यवसायिक पत्र कहलाते है ।
अनौपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध होता है । यह पत्र हम अपने माता पिता , रिश्तेदारों , परिवार वालो तथा सगे-संबंधियों के लिए लिखते है। इन पत्रों को हम हालचाल और कुशलता पूछने के लिखते हैं। इन पत्रों में शब्दों की संख्या असीमित हो सकती है।
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