आज हम इस Blog में यह जानेंगे कि भाषा या Language क्या होता है ? भाषा कितने प्रकार की होती है ? Types of Language , स्वर और व्यंजन की परिभाषा और प्रकार । मै यही आशा करता हूं कि यह लेख आप लोगों के लिए लाभकारी होगा।
भाषा
परिभाषा -
भाषा मनुष्य की अभिव्यक्ति का ऐसा सशक्त साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने मन के भावों व विचारों को प्रकट करता है। तथा दूसरों के भावों और विचारों को समझता है। Definition
भाषा के प्रकार
भाषा मुख्यतः तीन प्रकार के होते है -
मौखिक भाषा
लिखित भाषा
सांकेतिक भाषा
मौखिक भाषा
जब एक व्यक्ति या व्यक्ति समूह का विचार या भाव किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्ति समूह के मध्य बोलकर पहुंचता तो उसे मौखिक भाषा कहते है जैसे - दादा जी ने बच्चों को कहानी सुनाई| इस वाक्य में दादा जी बच्चों को मौखिक रूप से ( मुख से ) कहानी सुना रहे है।
अन्य उदाहरण - नेता जी ने जन समूह भाषण दिया।
लिखित भाषा
जब एक व्यक्ति या व्यक्ति समूह द्वारा अपने विचार या भाव किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्ति समूह के मध्य लिखित रूप से पहुंचाए जाते हैं तो उसे हम लिखित भाषा के नाम से जानते है।
जैसे - समाचार पत्र
इसमें समाचार पत्र का संपादक पाठकों को लिखित समाचार प्रदान कर रहा है।अन्य उदाहरण - पत्र लेखन , पुस्तक आदि।
सांकेतिक भाषा
मौखिक और लिखित भाषा के अतिरिक्त हम एक और भाषा का प्रयोग करते है। जिसे सांकेतिक भाषा कहा जाता है। इसमे विचार या भाव मौखिक या लिखित भाषा रूप से ना होकर संकेत चिन्हों के रूप में होता है।
जैसे- यातायात संकेत , गति अवरोधक , ध्वनि संकेत आदि।
स्वर
परिभाषा-
जिन अक्षरों के उच्चारण में फेफडों की वायु निर्वाध गति से मुख से बाहर निकाली जाए उन्हें स्वर कहते है।
स्वर के प्रकार -
स्वर तीन प्रकार के होते है -
हृस्व स्वर
दीर्घ स्वर
प्लुत स्वर
हृस्व स्वर
जिन शब्दों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगे उन्हें हम हृस्व स्वर कहते है।
जैसे - अ , इ, उ, ऋ आदि।
दीर्घ स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से लगभग दोगुना समय लगे उन्हें हम दीर्घ स्वर के नाम से जानते है।
जैसे- आ , ई , ऊ, ऐ , ओ, औ आदि।
प्लुत स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से लगभग तिगुना समय लगे उसे हम प्लुत स्वर के नाम से जानते है।
जैसे - हे कृष्ण , ओ३म
परंतु आजकल इन शब्दों को प्रायः नही लिखा जाता।
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व्यंजन
परिभाषा-
जिन वर्णों का उच्चारण स्वरों की सहायता से किया जाता है। उन्हे हम व्यंजन कहते है।
जैसे- क , ख , ठ , ड आदि।
व्यंजन के प्रकार-
व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं।
स्पर्श व्यंजन
अंतःस्थ व्यंजन
ऊष्म व्यंजन
स्पर्श व्यंजन
जिन व्यंजन वर्णों का उच्चारण करते समय मुख के अंगों का स्पर्श होता है उन्हें हम स्पर्श व्यंजन कहते है।
ये संख्या में 25 होते हैं।
जैसे - क , च, ट , त, प आदि।
अंतःस्थ व्यंजन
जिन व्यंजन वर्णों का उच्चारण स्वर और व्यंजन के बीच का होता है। उन्हे अंतःस्थ व्यंजन कहते है।
ये संख्या में 4 होते है ।
जैसे - य , र, ल और व
ऊष्म व्यंजन
जिन व्यंजनों के उच्चारण में गर्म स्वास निकले उन्हें ऊष्म व्यंजन कहते है।
जैसे - श , ष, स ह आदि।
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